छोटी इ और बड़ी ई की मात्रा
नमस्कार आप सभी का स्वागत है इस आर्टिकल में। यहाँ हम छोटी इ और बड़ी ई के बारे में पुरी जानकारी जानने वाले हैं। जब हम कोई ऐसा शब्द लिखते हैं तो जिसमें E की मात्रा आती है तो हमें यह संदेह या कनफ्यूजन हो सकता है कि इसमें छोटी इ की मात्रा लगेगी या बड़ी ई की मात्रा लगेगी। इन्हीं दोनों मात्राओं पर आधारित ये पोस्ट है तो आपसे विनम्र निवेदन है की आप इस आर्टिकल को पुरी तरह से पढ़े तभी आप इस जानकारी को समझ सकते हैं।
हमने पुरी कोशिश की है, इसे सरल तरिके से समझाने की फिर भी अगर कोई भी सवाल या डाउट हो तो कमेंट जरुर करें, धन्यवाद।
आइए आगे बढ़ते हैं 👇
छोटी इ की मात्रा
छोटी इ की मात्रा का उपयोग कब और कहाँ होता है, इसको जानने के लिए हमें समझना होगा की ऐसा क्यों होता है तभी हम बिना भुले इसका उपयोग अच्छी तरह से कर सकते हैं।
छोटी इ का उपयोग तब होता है जब हम E वाले किसी भी शब्द को बिना जोर के बोले या E वाले शब्द को बहुत कम समय में बोल दें, एक और बात ये मात्रा अक्षर के पहले आती है निम्नलिखित शब्दों को देखिए -
- दिन ( द पर लगी मात्रा द के पहले है )
- लिख ( ल पर लगी मात्रा ल के पहले है )
- सरिता ( र पर लगी मात्रा र के पहले है )
- कविता ( व पर लगी मात्रा व के पहले है )
इसे बारिकी से समझने के लिए हम ऊपर लिखे चारों शब्दों की मात्राओं को छोटी इ से बड़ी ई की मात्राओं में बदलकर देखते हैं -
- दिन - दीन
- लिख - लीख
- सरिता - सरीता
- कविता - कवीता
अब इन शब्दों को अगर आप गौर से या ध्यानपूर्वक पढ़े होगें तो आपको कुछ न कुछ अन्तर पढ़ने में जरूर मिला होगा। चलिए एक - एक करके अंतर देखते हैं -
1 . दिन और दीन में अंतर
"दिन" वाले शब्द में "दि" वाले अक्षर को पढ़ने में हमें कम बल लगाना पढ़ता है और इसीलिए इसमें कम समय भी लग रहा है अब "दीन" वाले शब्द में "दी" अक्षर को पढ़ने के लिए ज्यादा बल लगाना पढे़गा। इसीलिए इसमें ज्यादा समय लग रहा है। "दिन और दीन" दोनों शब्दों को बोलने में लगने वाले समय से फर्क आसानी से देख सकते हैं । दिन शब्द को बोलने में लगभग 1 सेकेंड का तो दीन शब्द को बोलने लगभग 1.5 से 2 सेकेंड तक लग जाते हैं। पढ़िए और अंतर देखिए।
इसी तरह बाकि तीन शब्दों ( लिख - लीख, सरिता - सरीता, कविता - कवीता ) के जोड़ों को भी पढ़िए और अंतर को देखिए।
बड़ी ई की मात्रा
बड़ी ई की मात्रा तब लगाई जाती है जब किसी भी शब्द में E की मात्रा वाले किसी अक्षर पर ज्यादा बल लगाना पढ़ता है।
निचे दिए गए शब्दों को ध्यानपूर्वक पढ़िए -
- बबीता
- पपीता
- पापी
- मामी
- नानी
- दादी
- दीदी
- चाची
- भाभी
- काकी
- चाभी
- सर्दी इत्यादि।
ऊपर दिए गए सभी शब्दों को बोलने में वहाँ पर ज्यादा बल और समय लग रहा है जहाँ पर बड़ी ई की मात्रा लगी है। इन मात्राओं को अच्छे से समझने आपको जानेमाने अखबार भी पढ़ना चाहिए क्योंकि अखबार में मात्राओं का विशेष ध्यान दिया जाता है।
ऊपर बताये गये उदाहरणों के द्वारा यह प्रयास किया गया है कि सभी चीजें समझ में आ जाये मगर फिर भी कुछ न कुछ कमी तो रह ही जाती है तो अगर आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो कमेंट जरुर करें। धन्यवाद
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