संज्ञा ( Noun )
संज्ञा हमारे लिए बहुत सारे कामों को आसान बनाता है। किसी भी वस्तु, व्यक्ति, स्थान आदि के बारे में जानना है तो उसकी संज्ञा (नाम) पता होनी चाहिए।
उदाहरण के तौर पर अगर आपका कोई नाम नहीं है तो आपके बारे में कोई आसानी से नही जान सकता है ।
दूसरा उदाहरण :- अगर आप किसी होटल में जाते हो जहाँ पर आप यह बोलते हो कि मुझे खाने के लिए वो चीज दे दो , तो वेटर आपके मांगे हुए खाने के बारे में कैसे जानेगा कि आप क्या माँग रहे हो उसको दिक्कत होगी और वो आपसे पूछ भी सकता है कि आप उस चीज का नाम बताओ। जब आप उस चीज पर हाथ रखकर कहोगे कि ये मुझे चाहिए तभी तो आपकी मनपसंद चीज आप पा सकोगे।
तो देखा आपने किसी चीज को अगर उसके नाम से न बुलाया जाए तो यह समझना मुश्किल होता है कि आप किसके बारे में कह रहे हो । यही कारण है कि जो लोग गूँगे या बहरे होते हैं उनसे बात करना आसाना नहीं होता है। चलिए अब इसके बारे में विस्तृत जानकारी लेते हैं।
- संज्ञा क्या है ?
- संज्ञा का शाब्दिक अर्थ ?
- संज्ञा के उदाहरण बताओ ?
- संज्ञा का मतलब क्या होता है ?
- संज्ञा कितने प्रकार का होता है ?
- संज्ञा का संधि - विच्छेद क्या है ?
- संज्ञा की क्या भूमिका है हमारे जीवन में ?
ऐसे अनेको सवाल हैं जो संज्ञा पर आधारित हैं । संज्ञा सिर्फ एक शब्द नहीं है बल्कि ये हमारे जीवन में कितना महत्वपूर्ण स्थान रखता है जिसे जानकर आप कहेंगे कि ऐसे शब्दों के बिना हम कोई काम आसानी से नहीं कर सकते हैं।
चलिए हम ऊपर दिए गए सभी सवालों को एक - एक करके जान लेते हैं।
संज्ञा क्या है ?
किसी भी व्यक्ति , वस्तु, गुण, धर्म, भाव, स्थान , समूह, क्रिया आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं।
जैसे -
- सुंदरता ( गुण )
- राजू ( व्यक्ति )
- शेर ( जानवर )
- रोवाई ( क्रिया )
- अगरा ( स्थान )
- शर्मीला ( गुण )
- चोरी ( पेशा )
- गायिकी ( पेशा )
यह मुख्यतः पांच प्रकार की होती हैं -
- व्यकिवाचक संज्ञा
- जातिवाचक संज्ञा
- समूहवाचक संज्ञा
- द्रव्यवाचक संज्ञा
- भाववाचक संज्ञा
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा
ऐसे शब्द जिनसे किसी विशेष व्यक्ति, स्थान ,वस्तु का बोध होता है तो ऐसे शब्दों को व्यक्तिवचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे - आगरा, भारत, सूर्य, आदि।
उदाहरण --
#1. वह एक शेर है। इसमें किसी एक शेेेर की बात की जा रही है, इसलिए यह व्यक्तिवाचक संंज्ञाकहते हैं।
#2. वह आदमी चोर है। इसमेें किसी विशेष व्यक्ति कि बात की जा रही है जिसे चोर की संज्ञा दी जा रही है। जो व्यक्तिवाचक संज्ञा का उदाहरण है।
#3. राम शर्मिला है। जो शर्म करता है उसे शर्मीला कहते हैं यानी राम को शर्मिला होने की संज्ञा दी जा रही है । इसलिए यह व्यक्तिवाचक संज्ञा का उदाहरण है।
2.जातिवाचक संज्ञा
ऐसे संज्ञा शब्द जिनसे किसी जाति का बोध हो, जातिवाचक संज्ञा कहते हैं ।
उदाहरण -
(a) शेर शिकार करता है।
व्याख्या - इस वाक्य सेे पता चलता है कि इसमें किसी एक शेर की नहीं बल्कि पुुुुरी जाति की बात की जा रही है। इसलिए यह एक जातिवाचक संज्ञा है।
अगर यही वाक्य ऐसे लिखा होता -
#1.वह शेर शिकार कर रहा है या करता है । तब यह व्यक्तिवाचक संज्ञा हो जाती ,क्योंकि यह बात किसी खास / विशेष या किसी एक शेर की बात कही जा रही है।
#2. अर्जुन एक शेर है ,क्योंकि यह किसी से नहीं डरता ।
व्याख्या - इस वाक्य में अर्जुन की तुलना शेर से की जा रही है ना कि वह शेर है और अर्जुन एक व्यक्ति है जिसके बारे में बताने वाला जानता है। इसका मतलब यह एक व्यक्तिवाचक संज्ञा है।
#3. हमारा शेर मांसाहारी नहीं है।
व्याख्या - यह एक अनिश्चित व्यक्तिवाचक संज्ञा है। यह वाक्य बोलने वाला ही जानता है कि वह शेर है या उस बोलने वाले व्यक्ति का बच्चा।
3. समूहवाचक संज्ञा
ऐसे संज्ञा शब्द जो किसी समूह को बोधित करे, समूहवाचक संज्ञा कहलाता है ।
उदाहरण -
#1. विद्यार्थी पढ़ रहें हैं।
#2. भीड़ आ रही है।
#3. लड़के रो रहे हैं।
#4. लड़कियाँ गा रही हैं।
#5. बहुत सारे मोर नाच रहे हैं ।
#6. बादलों की गर्जना तेेज है।
#7. गोपियाँ झूम रही थी।
#8. बरसात में मेढक टर - टर करते हैं ।
#9. पुलिस , अपराधी को पीट रही थी।
#10. तारे आसमान में ही क्यों होते हैं ।
.................. ऐसे अनंत उदाहरण हैं ।
उपर दिए गए उदाहरणों में जो शब्द लाइन के उपर लिखे गये हैं उनको ध्यान से देखिए -
विद्यार्थी, भीड़ ,लड़के, लड़कियाँ ,बहुत सारे मोर, बादलों, गोपियाँ, मेढक टर -टर करते हैं, पुलिस, तारे
इत्यादि । इन शब्दों में यह साफ - साफ दिखाई दे रहा है कि किसी एक कि बात नहीं हो रही बल्कि अनेक लोग हैं।
जैसे -
#1. में - विद्यार्थी शब्द का अर्थ यह है कि विद्या ग्रहण करने वाला इसमें विद्यार्थी लड़़का - लड़की दोनो को ही कहते हैं और कक्षा में बहुत सारे छात्र होते हैं । इसलिए यह विद्यार्थियों
का समूह हो जाता है। अत: यह एक समूहवाचक संज्ञा है।
#2. में - भीड़ की कोई जाती नहीं होती है उसमें किसी भी जीव - जन्तु की भीड़ हो सकती है। जो कि भीड़ में अधिक संख्या में जीव - जन्तु होते हैं। इसलिए यह एक समूह को दर्शाती है । अत: यह भी एक समूहवाचक संज्ञा है।
इसी तरह से सभी हैं।
उपर्युक्त ( ऊपर दिए गए ) वाक्यों से पता चलता है कि -
- समूहवाचक संज्ञा में एकही प्रकार की वस्तु होनी चाहिए। छोटे - बड़े से फर्क नहीं पड़ता है।
- इसमें किसी भी वस्तु का समूह हो सकता है।
- समूह में एकही प्रकार की वस्तु अधिक संख्या में होती है।
4. द्रव्यवाचक संज्ञा
ऐसे संज्ञा शब्द जो पदार्थ जैसे - जल या जिसमे कुछ न कुछ वजन हो को बोधित करे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे - जल, लोहा, लकड़ी, पत्थर, ईंट इत्यादि।
5. भाववाचक संज्ञा
ऐसे संज्ञा शब्द जो किसी भी भाव या भावना को बोधित करें, भाववाचक संज्ञा कहते हैं ।
जैसे -
- रोवाई
- हँसाई
- वीरता
- कायरता
- साहस
- गुस्सा
- लाज
- शर्म
ये सभी शब्द किसी न किसी भाव को बता रहे हैं। क्योंकि यह अलग- अलग भावनाओं के नाम हैं और हमें पता है कि किसी भी वस्तु के नाम को संज्ञा कहते हैं। अत: उपर दिए गए सभी शब्द भाववाचक संज्ञा हैं।
उम्मीद है कि इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है जाँच परख के दी गई है फिर भी अगर कोई कमी दिखे तो जरूर बताएं।
ये आर्टिकल आपको कैसा लगा हमें अपनी राय जरूर बताएं।
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