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चलिए आगे पढ़ते हैं >>
हमने यह जरूर देखा होगा कि जब कोई व्यक्ति किसी वस्तु को जोर से पटकता है या तोड़ता है तो उसकी आवाज़ हमें कुछ सेकेंड बाद सुनायी देती है और दिखाई पहले देता है। ऐसा तब होता है जब हम उस वस्तु से कुछ दूरी पर हों। अगर हम उस वस्तु के बिल्कुल पास हों तो हमें पता भी नहीं चलेगा कि आवाज बाद में आ रही है।
इस तरह की घटनाओं के निम्नलिखित उदाहरण हैं -
- जब कोई व्यक्ति मंदिर के किसी घंटे को बजाता है।
- जब रोशनी छोड़ने वाले पटाखे को जलाया जाता है।
- जब आकाशीय बिजली चमक के साथ कड़कती है।
- जब स्कूली घंटे को बजाया जाता है।
चलिए ऊपर दिए गए उदाहरणों को विस्तार से समझते हैं।
उदाहरण न. 1. मंदिर के घंटे को बजाना
जब कोई व्यक्ति मंदिर के घंटे को बजाता है तो मंदिर दूर खड़ा व्यक्ति देखता है तो उसे ऐसा दिखाई देता है या प्रतीत होता है कि घंटा तो पहले बजा है पर उसकी आवाज़ कुछ सेकेंडो बाद सुनायी दी है जबकि घंटे और मंदिर के पास खड़े व्यक्ति को तुरंत ही सुनाई पड़ जाता है । क्या यह दूर खड़े व्यक्ति का वहम है या इसके पीछे कोई विज्ञान छिपा है, तो इसका जवाब हैं 'हाँ'।
दरअसल 'ध्वनि' अथवा आवाज की चाल लगभग 300मीटर/सेकेंड है, जिसका मतलब है कि अगर दो व्यक्तियों के बीच मौखिक (मुह द्वारा) बातचीत हो रही है और इन दोनों के बीच की दूरी लगभग 300 मीटर है तो बोलने के एक सेकेंड बाद ही दूसरे व्यक्ति तक आवाज पहुँच पायेगी। ठीक इसी तरह से अगर दोनों के बीच की दूरी 600 मीटर हो तो अब दो सेकेंड लगेगें। इसी तरह जीतनी अधिक दूरी होगी समय उतना ही अधिक लगेगा।
उदाहरण न. 2. रोशनी वाले पटाखे का फूटना
आपने अक्सर देखा होगा कि किसी फंक्शन या शादी - विवाह के अवसर पर लोग पटाखे जलाते हैं तो जब पटाखा फूटता है तो तेज आवाज के साथ रोशनी भी निकलती है। जो लोग काफी करीब से पटाखे को जलते या फूटते हुए देखते हैं तो उन्हें आवाज और रोशनी दोनों को एकसाथ सुन और देख पाते हैं ऐसा लगता है पर ऐसा होता है नहीं है क्योंकि प्रकाश की चाल 3 लाख किलोमीटर प्रति सेकेंड है जबकि ध्वनि यानी आवाज की चाल 300 मीटर प्रति सेकेंड है, इसका मतलब साफ है कि रोशनी आवाज से हर संभव दूरी पर पहले आयेगी। यही कारण है कि जब कोई पटाखा रोशनी के साथ फूटता है तो पहले रोशनी या उजाला अथवा प्रकाश आता है और आवाज बाद में सुनाई देती है।
उदाहरण न. 3. आकाशीय बिजली का चमक के साथ कड़कना
हम जानते हैं कि जब बारिश होती है तो बिजली कड़कती और तेज या कम चमक जरूर होती है। इसमें भी यही सवाल है कि जब आकाशीय बिजली कड़कढ़ाहट के साथ चमकती है तो हमें ऐसा लगता है कि आवाज बिजली की चमक के कुछ मिलीसेकेंड या सेकेंड के बाद आती हुई महसूस होती है। क्या यह सच है जी हाँ यह पहले दोनों उदाहरणों की तरह ही सही और उसी कारण से ऎसा होता है।
उदाहरण न. 4. जब स्कूली घंटे को बजाया जाता है
क्या आप जानते हैं कि जब स्कूली घंटे को बजाया जाता है तो हमें घंटे की आवाज कुछ सेकेंड बाद क्यों सुनाई देती है। चलिए समझते हैं >>>
इस घटना में भी वही कारण है पर थोड़ा सा अंतर है। इसमें हम अंतर तभी जान सकते हैं जब हम स्कूली घंटे को बजाते हुए देखें। क्योंकि जब चपरासी घंटा बजाता है तो हमें तुरंत ही दिख जाते हैं लेकिन आवाज कुछ सेकेंड बाद सुनायी देती है। इसमें आपका यह सवाल हो सकता है कि प्रकाश को हम नहीं देख रहे हैं तो ऐसा कैसे हो रहा है। दरअसल हम कोई भी वस्तु प्रकाश की सहायता से ही देख सकते हैं।
तो देखा आपने हर प्रश्न का उत्तर विज्ञान के माध्यम से दिया जा सकता है।
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