क्या आप जानते हैं कि आप अपने जीवन में सही रास्ते पर आगे बढ़ रहे हो या कहीं गलत रास्ते पर तो नहीं चल रहे हो या फिर अभी तक सही जा रहे थे पर अब गलत रास्ते पर चलना शुरू कर दिये हो। यह जानना हमारे लिए कितना जरुरी है यह हम इस पोस्ट को पुरा पढ़ने के बाद यह जान पायेेंगे ।
दरअसल इस पोस्ट में वह जानकारी दी गई जिससे हम सही - गलत का फर्क कर पायेंगे तथा कब क्या करना है और कब नहीं यहाँ तक कि अपनेे-आपको दूसरों के अधीन होने से भी बचा पाओगे। ज्यादा जानकारी के लिए निचे दिए फायदे देख सकते हैं।
इस पोस्ट को पढ़ने के फायदे
इस पोस्ट को पढ़ने के निम्नलिखित फायदे हो सकते हैं -
- आपको कोई भी बस में नहीं कर सकता है।
- क्योंकि सही - गलत का ज्ञान होगा, आपको।
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी महसूस होगा।
- जिंदगी में सफलता हासिल कर सकते हो।
- क्या करना है और क्या नहीं, पता होगा।
- बाद में पश्याताप वाली बात ना के बराबर होगी।
- हर काम को सही और कम समय में ही कर पाओगे।
- कोई भी व्यक्ति आपका इस्तेमाल नहीं कर सकता।
- हर काम पहले से आसान होगा।
कैसे पता करें कि हम सही रास्ते पर हैं ?
हम गलत हैं या सही यह पता करने के लिए हमें निम्नलिखित चरणों ( Steps ) का पालन करना चाहिए -
- सबसे पहले पिछले एक, दो या तीन महिनों तक के अपने व्यवहार में अंतर को देखिये।
- अगर महिनों में अंतर स्पष्ट नहीं हो रहा है तो वर्षों पहले और अब मे अंतर को देखें, जरुर मिल जायेगा।
- पहले कैसे थे और अब कैसे हैं यह साफ दिखाई देगा।
- अब जो गलती मिले उसे सुधार लीजिए।
- रीव्यू करने से आपको उसे सुधारने में मदत मिलेगी।
- क्या आपका व्यवहार पहले से अच्छा हो गया है या खराब यह भी पता हो जायेगा।
- अब अपने गोल के हिसाब से अपने विचारों को साध लीजिये और उस पर काम करें।
उदाहरण [ Example]
हम सही रास्ते पर हैं या फिर गलत इसको बखुबी जानने के लिए हम एकदम सरल उदाहरण देखने जा रहे हैं कृपया थोड़ा सा ध्यान दीजिये।
माना कोई परसन है जिसके पास एक महिने पहले मोबाइल नहीं था और वह इसके लिए परेसान था पर फिर भी हर काम करता था। लेकिन आज उसके पास मोबाइल है तो वह हमेशा व्यस्त रहता है कभी विडियो गेम खेलता है तो कभी मूवी और कभी फेसबुक, इंस्टाग्राम इत्यादि। विडियो गेम या मोबाइल इस्तेमाल करते समय अगर कोई कुछ काम करने को कहे तो उस परसन को जरूर गुस्सा आयेगा और मन ही मन कोसने लगेगा कि हर समय काम - काम लगाये रहते हैं। अब यहाँ पर रुककर एक सेकेंड सोचिए कि वह परसन सही कर रहा है या गलत आपको पता चल जायेगा क्योंकि हम अंतर साफ देख रहे हैं। यही सोच अपनेआप पर लगाकर देखिए आपको पता चल जायेगा कि गलत क्या है और सही क्या है। हम जितना अधिक अंतराल पर अपने अंतरो को देखेंगे तो बड़ा और साफ- साफ अंतर देखने को मिलेगा।
इसमें निम्नलिखित अंतर देखने को मिल रहे हैं -
- पहले वह परसन मोबाईल के वस (लत) में नहीं था।
- पर अब वह चिढ़चिढ़ा भी हो गया है।
- हमेशा बेकार (विडियो गेम, चैट, मैसेज इत्यादि) कामों में व्यस्त रहता है।
- देर रात तक बिना काम के बस मनोरंजन के लिए जागते रहना।
- मोबाइल का अधिक इस्तेमाल से आँखों का रोग होना।
- अब उसे अपने स्वास्थ्य का ध्यान न रखने के लिए भी समय नहीं मिलता है।
- अब उसे कोई काम करने का मन भी नहीं करता है।
तो आपने देखा कि सिर्फ एक कारण ( मोबाईल ) से कितने परिवर्तन मिल रहे हैं जो हम सब के लिए सही नहीं है। यहाँ पर थोड़ा सा ध्यान दीजिये कि मोबाइल चलाना कब सही और कब खराब है यह हमारे उदेश्य या उपयोग पर निर्भर करता है। अगर हम बहुत अधिक उपयोग करते हैं और उससे कोई लाभ भी न हो तब हम इसे बेकार कहेंगे और अगर हमें कुछ फायदा या ( धन ) लाभ होता हो तो अच्छा मान सकते हैं। इस तरह हम अपनी कमियों को देख सकते हैं और उसे दूर कर अपना कीमती समय बचाने के साथ - साथ अपना सपना भी पुरा कर सकते हैं।
अपने आपको भविष्य में मानकर वर्तमान को ऐसे सफल बनाएँ
ये टेक्निक बहुत ही अच्छी लगती है खासकर मुझे क्योंकि यह सोचने से ही बहुत रोमांचक और महत्वपूर्ण लगती है। मान लीजिए हम पाँच या दश या फिर इससे भी अधिक वर्षों बाद हम भविष्य में हैं और यह सोच रहे हैं कि कास मैने उस समय या वह काम ऐसे - ऐसे किया होता तो मैं आज इतना आगे होता। जब हम ऐसे सोचते हैं तो हमारा ना समय बर्बाद होता है और ना ही हमें कोई पश्तावा होता है।
इस बात को अच्छी तरह से समझने के लिए हमें अपने पास्ट को यानी बिते हुए के बारे में सोचना होगा कि आप अगर पाँच साल या दश साल ( या फिर इससे अधिक ) पहले यह काम किया होता तो आज हम ऐसी स्थिति में होते। तो अपने बिते हुए दिनों से यह बहुत ही महत्वपूर्ण सीख लेकर अपने आप को सफल इंसान बना सकते हैं। कुछ ऐसी - ऐसी रोमांचक भावनाएँ उत्पन्न होगी कि काश मुझे वह समय दोबारा मिल जाए तो मैं दिखा देता कि कैसे पैसा कमाया जाता है या कोई भी काम कैसे करना चाहिए। अब यहाँ पर बिना भविष्य में गये ऐसे - ऐसे अनुभव पा सकते हैं जो पश्तावा होता है और उसमें बिते हुए समय को रोमांचक तरीके से जीने का मन होता है। तो आप यह मानकर चलिए कि आपको वह समय मिल गया है जिसमें आप जाना चाहते हैं तो फिर क्या बात है। आप ऐसे - ऐसे काम करने लगोगे कि आप खुद हैरान में पड़ जाओगे।
दरअसल हम सभी के जीवन में कुछ न कुछ ऐसी घटनाएँ हो जाती हैं जिससे हम खुश नहीं रहते हैं उसे पुरे विश्वास (Full confidence) के साथ करना चाहिए था या ऐसे करना चाहिए था हम सोचते हैं। पर जो समय बीत गया है वह वापस तो आ नहीं सकता है पर इस बिते समय में जो कमियाँ हुई हैं उनसे हम अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए अपने वर्तमान में उसी पोजीटीव एनर्जी के साथ काम कर सकते हैं जिससे कि हम अपने बित चुके दिन में करना चाहते हैं। जब भी हम ऐसा सोचते हैं हम अपनेआप में उत्साही पाते हैं और अपने काम को आसानी से कर सकते हैं।
रीव्यू से अपने गोल को ऐसे पा सकते हैं
रीव्यू करने के बाद आपको अंतर साफ दिखाई देगा जिससे आप अपने आप को सही रास्ते पर लेकर जा सकते हो। यकीन मानीए ये बातें जो आप पढ़ रहे हो ये सिर्फ किताबी नहीं हैं बल्कि प्रक्टिकल किया हुआ है और बहुत ही कारगर या प्रभावशाली हैं।
अपने व्यवहार या अनुभव में अंतर का सही इस्तेमाल करके आप जरूर सफल हो जाओगे। इसके लिए आपको क्या करना है थोड़ा सा ध्यान दीजिये। जब आप / हम अपनेआप में होने वाले अंतर को स्पष्ट देख पाते हैं तो आपको ये निम्नलिखित स्टेप्स करना चाहिए -
- सबसे पहले अपने रीव्यू से मिले गलत व्यवहारों की लिस्ट बनायें।
- जो सबसे ज्यादा रुकावट पैदा करता है उसे पहले और जरुर अपने दिनचर्या से निकाल फेंको।
- जब आप/हम अपने व्यवहारों में अंतर देखना जान जाते हैं तो आपको कम से कम समय पर चेक करना चाहिए।
- जो गलत लगे उस आदत को उसी दिन या 30 दिनों के अन्दर में सुधार लीजिए।
- जो बड़ी जटील आदत बन चुकी हो उसमें रोज थोड़ा - थोड़ा सुधार करो आपको एक महिने के अन्दर ही अन्दर बहुत अच्छा रिजल्ट मिल जायेगा।
- अगर आपको लगता है कि आपको कोई अपने वश में करना चाहता है या अपने अधीन कर रहा है तो आप वैसा काम मत करो, सब सही हो जायेगा।
- अगर आपको लग रहा कि आपका विकास कई महिनों या सालों से रुका है तो जो कारण है उसे तुरंत उसी दिन से समाप्त करने के लिए छोटे-छोटे स्टेप्स लो।
- अगर आपको लग रहा है जिस भी काम को करना चाहते हो वह नहीं हो रहा है तो जो आपको सही लग रहा है उसे करें।
सारांश | Summary
इन बातों को सारांश ( कम से कम शब्दों में ) कहें तो हम अगर अपने खूद की जीवनशैली पर नजर डाले तो हमें अपनी खामियों और खूबियों की लिस्ट हमारे दिमाग में आने लगेगी। उन कमियों को याद कर देखिये आपको अब वही काम करना कितना आसान लगेगा। यही नहीं बल्कि कई ऐसे रास्ते दिखाई देंगे कि आप मन ही मन में यह कहेंग कि अरे यार ऐसे - ऐसे किया होता तो बड़ी आसानी से काम हो जाता।
क्या इस आर्टिकल से आपको कुछ अपने अंदर अंतर देखने को मिल रहा है ? अगर हाँ तो हमें कमेंट करके जरूर बताएँ इससे हमें आपके लिए और बेहतर काम करने के लिए खुशी होगी। Thanks for reading this article..
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