चलिए हम इसे ऐसे समझते हैं कि ये टाॅपिक ज्यादा बोरिंग न लगे । चलिए सबसे पहले हम यह जानतें कि समान्तर श्रेणी में समान्तर का क्या अर्थ होता है।
समान्तर का अर्थ या मतलब
श्रेणी का अर्थ
समान अन्तर या सार्वअन्तर कैसे पता करते हैं ?
समान्तर श्रेणी का nवाँ पद
1, 3, 5, 7, 9..इस श्रेणी में हम देख रहे हैं पहला पद 1, दूसरा पद 3, तिसरा पद 5, चौथा पद 7 और पाँचवा 9 है, और अगर इस श्रेणी को आगे बढ़ाया जाये तो छठवाँ पद 11, सातवाँ पद 13 इत्यादि पद होगें। अगर हमें इस श्रेणी का चौथाा पद पता करना है तो यहाँ पर हम आसानी से इस श्रेणी को देखते ही कह सकते हैं कि चौथा पद 9 है, और अगर हमसे यह कोई पूछे कि इस या किसी और श्रेणी पचासवाँ पद बताईए तो हम बिना हल करे नहीं बताा सकते हैं अगर बतायेेंग तो भी बहुत अधिक समय लगेेगा जिससे कोई फाायद नहीं होगा। अगर हम सूत्र की मदत लें तो सेकेंडो में ऐसा कर सकते हैं तो चलिए देखते हैं।
इस सूत्र से हम किसी भी समान्तर श्रेणी का कोई भी पद पता या ज्ञात कर सकते हैं। जैसे माना हमें 1, 3, 5, 7, 9..इस श्रेणी पाँचवाँ पद पता करना है तो हम a, n और d का मान पता करना होता है। जहाँ
a = प्रथम या पहला पद
n = पदों की संख्या
d = पदों का अंतर या पदान्तर
= 9.
100वाँ पद = 1 + ( 100 - 1)2 = 1 + 99×2
= 1 + 198 = 199
अतः इस श्रेणी का 100वाँ पद 199 है।
तो देखा आपने कितने कम समय में हमने 100वाँ पद पता कर लिया। इसी तरह से हम किसी भी समान्तर श्रेणी का लाखवाँ, करोडवाँ या इससे भी अधिक पदों का मान पता कर सकते हैं। चलिए इस 1,10, 19, 28,...श्रेेणी का करोडवाँ पद ज्ञात करके देखते हैं।
इस श्रेणी का पहला पद ( a ) = 1
पदों की संख्या ( n ) = 10000000 ( एक करोड़ )
तथा पदों का अतंर ( d ) = 10 - 1 = 9
तब करोडवाँ पद = 1 + ( 10000000 - 1) 9
= 1 + 9999999×9
= 1+ 89999991= 89999992
अतः करोडवें पद का मान आठ करोड़ निन्नानबे लाख निन्नानबे हजार नौ सौ बानबे हैं।
तो देखा आपने कितने कम समय में इतने बड़े मान का पता लगा लिया गया जिसको श्रेणी में हम लिख भी नहीं सकते हैं क्योंकि इसको श्रेणीबद्ध करने के लिए समय ही नहीं काफी स्थान लगेगा।
nवाँ पद का सूत्र कैसे बनाएं
अगर आपके मन में यह सवाल उठ रहा है कि nवाँ पद में ये ( n-1) कैसे या कहाँ से आया तो थोड़ा सा ध्यान दीजिये। जैसा कि हम ऊपर के उदाहरण में देख रहे हैं पहले पद में एक भी d नहीं है दूसरे दूसरे पद में एक d, तिसरे में 2d, चौथे में 3d, पाँचवे में 4d इसी प्रकार जितने भी पद का मान पता करना हो तो बस उससे एक कम किया जाता है पद की संख्या में से।
इसलिए nवाँ पद = a + ( n-1) d
उदाहरण के तौर पर इस 1, 3, 5, 7, 9..श्रेणीक्रम का दूसरा पद = a + (n-1)d = 1 + ( 2-1) 2 = 3, [ a=1, d=2 ]
समान्तर श्रेणी के पदों का योगफल
सूत्र s = (n/2) [ 2a + (n-1)d ]
यह समान्तर श्रेणी का योगफल का सूत्र है जिससे किसी भी समान्तर श्रेणी का योगफल आसानी से पता कर सकते हैं।
100 पदों का योग = (100/2)[ 2×2 + (100-1) 2]
= 50[4 + 99×2] = 50[ 4+ 198]
= 50×202 = 10100.
योगफल वाला सूत्र कैसे निकालें ?
इस तरह हम देख रहे हैं कि इसमें पदों की संख्या 10 से 5 में बदल जा रही है। या हम यह कह सकते हैं कि पदों की संख्या पहले की आधी रह जाती है जिसे हम व्यापक रुप में n/2 लिख सकते हैं। इसके बाद जितने पदों का योग निकालना है तो nवाँ पद + a कर लेंगे ।यानी सूत्र कुल मिलाकर इस तरह से बनेगा ➡️ n/2[ 2a + (n-1)d ]
चुँकि हम यह देख रहे हैं कि 11 दसवें और पहले पद का योग है और 5 पदों की संख्या का आधा है।
अगर पदों की संख्या बराबर नहीं है तो बराबर कर लेते हैं जैसे ➡️1+2+3+4+5+6+7+8+9 इस श्रेणी का नौ पदों का योग कैसे निकालेंगे। इसमे 0 जोड़कर पदों की संख्या बराबर कर लेते हैं। तब श्रेणी 0+1+2+3+4+5+6+7+8+9
तब (9+0) + (8+1) + ( 7+2) + (6+3) + (5+4)
या 9+9+9+9+9 = 9×5 = 45
इस विधि में पदान्तर की आवश्यकता बस समान्तर श्रेणी है कि नहीं यह पता करने के लिए किया जाता है योग करने के लिए नहीं। यह विधि तभी उपयोग में लायी जाती है जब पहला और अन्तिम पद पता हो और सूत्र के लिए अन्तिम पद नहीं भी पता हो तो भी हल किया जा सकता है। इसीलिए सूत्र का उपयोग किया जाता है।
अनंत पदों का योग
तो देखा आपने अनंत पदो का 1.5∞ (डेढ़ अनंत) आया है। अब यहाँ अनंत का मान क्या है यह पता नहीं है तो इसे ऐसे ही छोड़ना पड़ेगा।
यहाँ पर ध्यान देने वाली बात यह है कि अनंत की भी श्रेणियाँ होती हैं। तभी तो यह 1.5∞ आया है अगर ऐसा नहीं होता तो यह मान दशमलव में नहीं आता।
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