लोहे या किसी धातु से चिपके कागज को जलाने पर जलता नहीं, क्यों ?




   लोहा हो या कोई अन्य ( ताँबे, स्टील, जस्ते, एल्युमीनियम आदि ) धातुएँ हों अगर उनसे कोई सुखा कागज लपेटकर जलाएँ तो कागज जल्दी नहीं जलता है।




 नोट:  यहाँ पर ध्यान देने वाली बात यह है कि ऐसा तब होता है जब कागज किसी एक पेज को ही धातु पर लपेटा जाये। अगर बहुत सारे पेज / पन्नों को एकसाथ लपेटकर किसी मोमबत्ती / चिराग से जलाएँ तो भी सबसे ऊपर के पन्ने जलने लगेगें। इसके कारणों को निचे बताया गया है। 


जबकि बिना लोहे, ताँबे, स्टील, जस्ते, एल्युमीनियम आदि के ऊपर लपेटे कागज को जलाएँ तो वह तुरंत ही जलने 🔥 लगता है।




 ऐसा क्यों होता है ?
चलिए जानते हैं >>>>>>>



     कागज  ऊष्मा का अचालक या कुचालक होता है यह हम सब जानते हैं। अगर नहीं जानते हैं तो इसे भी जान लेते हैं। 


 ऊष्मा के  अचालक / कुचालक 

            वे पदार्थ जिनमें ऊष्मा का चालन नहीं होता हैं या जिनमें ऊष्मा का चालन ना के बराबर होता है उन्हें ऊष्मा के अचालक या कुचालक कहते हैं। 
जैसे : कागज, लकड़ी, प्लास्टिक, कपड़े  आदि।






  इस प्रकार की वस्तुओं के कणों में ऊष्मा संचरण इतनी मंद गति से होता है कि तब तक वह वस्तु ही जलने लगती है। इनके इसी व्यवहार के कारण इन्हें ऊष्मा का कुचालक कहते हैं। इनमें ऊष्मा का संंचार / संचरण क्यों नहीं होता है यह समझना बहुत जरूरी  और वैज्ञानिक भी है।  दरअसल कुचालक वस्तुओं के कण इतनी दूर - दूर होतें हैं कि इनमें ऊष्मा का संंचार / संचरण लगभग नगण्य होता है। और परिणामस्वरूप वस्तु गर्म होकर जलने लगती है।






   इसे अच्छे से समझने के लिए दो कागज के टुकड़े ले लिजिये और दोनों को कुछ दूरी पर रखकर किसी एक कागज को जलाएँ तो हम देखेंगे कि कागज के जिस टुकड़े में हमने आग लगाई थी केवल वही जला है और जबकि दूसरा कागज का टुकड़ा हल्का सा गर्म हुआ होगा पर जला नहीं। 


     कुछ इसी तरह से कुचालक वस्तुओं के कण आपस में अलग-थलग होते हैं और ऊष्मा का संंचार नहीं कर पाते हैं। कुचालक वस्तुओं के वजन और घनत्व भी इनके कणों के बीच की अत्यधिक दूरी के कारण ही कम होता है । 

इनमें  ऊष्मा का ही नहीं बल्कि विद्युत ऊर्जा का भी संचरण नहीं होता है। इस तरह ये विद्युत ऊर्जा के भी कुचालक होते हैं।


 पर असल जानकारी तो अभी बाकि है। जो हमारे ऊन सभी सवालों के जवाब तो देगें ही पर साथ में विज्ञान के महत्व को भी दर्शायेगें। 



ऊष्मा के  चालक / सुचालक

   वे वस्तुएँ जो ऊष्मा का संंचार करती हैं उन्हें ऊष्मा की चालक / सुचालक कहते हैं।
जैसे : लोहा, ताँबा, स्टील, एल्युमीनियम  आदि ऊष्मा के सुचालक हैं। 

 इस प्रकार की वस्तुओं के अंदर के कण ऊष्मीय ऊर्जा को एक दूसरे तक पहुचाने में सक्षम होते हैं। क्योंकि सूचालक वस्तुओं के कण इतने पास - पास होते हैं कि जब किसी एक कण को ऊष्मीय ऊर्जा मिलती है तो दूसरा कण भी गर्म हो जाता है यानी एक कण से ऊष्मा दूसरे कण में शीघ्र ही चली जाती है। और इस  तरह से ऊष्मीय ऊर्जा का संचरण होता है। 





    सूचालक वस्तुओं के कणों के पास - पास होने की वजह से इनके घनत्व और भार दोनों ही ज्यादा होतें हैं। 
  इनमें ऊष्मीय ऊर्जा को सहने की क्षमता भी कुचालक वस्तुओं की तुलना में अधिक से अधिक होता है। ऊष्मा के साथ - साथ इनमें विद्युत ऊर्जा का भी संचरण होता है। 




  

   लोहे या किसी अन्य धातु पर लपेटा कागज जलाने पर क्यों नहीं जलता ? 

    हमने ऊपर यह पढ़ा है कि कुचालक वस्तुओं के कण अपनी ऊष्मीय ऊर्जा का आदान प्रदान करने में सक्षम नहीं होते हैं क्योंकि ये कण अपनी जगह से दूसरी जगह आ - जा नहीं पाते हैं जिसकी वजह से वस्तु के जिस भाग पर ऊष्मीय प्रभाव होता है वहीं का तापमान बढ़ता जाता है। और वस्तु जलने लगती है। पर जब इसी कागज को किसी मोमबत्ती या चिराग से जलाते हैं तो कागज के कण धातु ( लोहा, स्टील, ताँबा, ऐल्युमिनियम आदि ) के कण के सम्पर्क में आ जाते हैं और कागज के कण द्वारा सम्पूर्ण ऊष्मीय ऊर्जा को इतनी तेजी से संचरित करते हैं कि कागज का ताप ही नहीं बढ़ पाता है। इस तरह कागज जलने से बच जाता है। 



विशेष : अगर मोमबत्ती के स्थान पर कोई बड़ी लौ हो तो कागज लोहे या धातु के सम्पर्क में होने के बाद भी जल जाता है। क्योंकि कागज के कण बहुत अधिक मात्रा में ऊष्मा को इतनी तेजी से धातु के कणों तक पहुचाने में असमर्थ हो जाते हैं। 


   यहांँ पर एक बहुत अच्छा उदाहरण यह भी मिल रहा है कि अगर कोई बेवकूफ़ / कम बुद्धिमान मनुष्य किसी चालाक मनुष्य के संपर्क में रहता है तो उसकी भी चालाकी बढ़ जाती है जैसे कागज की कूचालकता लोहे या अन्य धातुओं के संपर्क में रहने से बढ़ जाती है। 





  तो उम्मीद आपको आपके सवाल का सही उत्तर मिल गया होगा। अगर आपके पास कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट करें। Thanks.. 


  हमसे जुड़ने के लिए हमारी साईट www.possibilityplus.in को Follow करें। E- mail : dkc4455@gmail.com 
Facebook page : Possibilityplus.in 
YouTube channel : PossibilityPlus



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ