बरसात के मौसम में आकाशीय बिजली ( वैद्युत ) मनुष्य के लिए किसी मुुसीबत से कम नहीं है। क्योंकि हर साल ( वर्ष ) में बहुतों की जान चली जाती है। बिजली जब कड़कती है तो हर व्यक्ति डरने लगता है क्योंकि सभी को यह पता है कि यह जिस पर गिरि उसकी मौत लगभग तय है।
अब सवाल है कि इस मौतरुपी बिजली के कहर से कैसे बचा जाये।
इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ने पर हमें वो जानकारियाँ मिलेगी जो हमें आकाशीय बिजली से बचने में बहुत हद तक मदत करेगी।
आकाशीय बिजली से बचने के उपाय
जब आकाशीय बिजली लगातार तड़के तो हमें
आकाशीय बिजली ⛈ से बचने के निम्नलिखित उपाय करने चाहिए : -
- छोटे और घने पेड़ के नीचे ही खड़े हों ( यदि खड़ा होना पड़े तो )
- अगर संभव हो तो किसी भवन ( घर ) में चले जायें।
- प्लास्टिक हैंड वाली छतरी ☔ का उपयोग करें।
- मोबाइल फोनस् को Flight mood पर करें या Switch off कर दें ।
- टेलीविजन का इस्तेमाल भी ना करें।
- अपने घर के ऊपर किसी छड़ को अवश्य लगायें।
- अगर आप किसी वाहन में हैं तो वाहन से ना निकलें।
- छत पर या खुले मैदान में ना रहें।
- बिजली, टेलीफोन के खंभों से दूर रहें।
- अगर त्वचा में झुनझुनी हो तो तुरन्त निचे बैठकर कानों पर अपने हाथ रख दें।
- अपने हाथ में कोई धातु ( जो विद्युत चालक हों ) को अपने से दूर करदें।
- खेत में फावड़ा न चलायें।
आकाशीय बिजली क्यों गिरती है ?
जिस प्रकार पानी जिस तरफ ढाल पाता है उधर से जाने लगता है। यहां पर समझने वाली बात यह है कि पानी को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए ढाल अथवा झुकाव जरूरी होता है ठीक उसी तरह बिजली के आवागमन ( आने - जाने ) के लिए विभव में अन्तर ( या विभवान्तर ) जरुरी होता है। बिजली उसी वस्तु पर गिरती है जिसका विभव इसके विभव से कम हो वैसे आकाशीय बिजली का विभव हजारों में होता है। इसलिए यह बिजली खम्भों के तारों पर भी गिर जाती है। सबसे ज्यादा बिजली उस मार्ग से होकर जाती है जिधर इसे सबसे ज्यादा विभवान्तर मिले। बिजली का उस वस्तु पर गिरने की possibility ज्यादा होती है जो अधिक से अधिक नुकिला हो। जैसे : लम्बे और पतले पेड़, खम्भे, आदि। क्या आप यह सोच रहे हैं कि बड़े - बड़े महानगरों में बड़ी - बड़ी बिल्डिंग या टावर होते हैं पर उन पर तो नहीं गिरती आखिर क्यों ?
दरअसल बिल्डिंग और टावरों के सबसे ऊपरी भाग पर नुकिलानुमा धातु की छड़ होती है जो आकाशीय बिजली को उसी के प्रेरण से प्लस चार्ज के द्वारा निश्क्रिय कर देती है। इसके अलावा एक रास्ता और है अगर घर, बिल्डिंग तथा टावर के ऊपर चारो ओर एक धातु तार को धरती से संबंधित कर दें तो इसपर आकाशीय बिजली गिरते ही पृथ्वी में चली जायेगी।
एक सवाल अब भी उठ रहा है कि जब पेड़ - पौधों पर बिजली जब गिरती है तो इसमें आग 🔥 क्यों लग जाती है। इसका जवाब है जोड़ पर ढीला होना।
जिस तरह तार ढीला होने पर उसी जगह आग 🔥 लगती है जहां पर यह तार ढीला हो।
ठीक इसी तरह आकाशीय बिजली जिस वस्तु पर गिरती वहां पर इसका जोड़ ढीला होता है और इसी कारण से वहाँ आग लग जाती है।
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