विज्ञान की तैयारी वैज्ञानिक ढंग से...
हर छात्र/ छात्रा यह सोचता है कि विषयों की तैयारी कैसे करें कि हमें ज़्यादा मेहनत ना करनी पड़े और परिक्षा में ज्यादा अंक भी मिले। ऐसे में सबसे बड़ी समस्या होती है कि कैसे सभी विषयों की तैयारी किया जाये। तैयारी करने में तीन विषयों गणित, विज्ञान और अंग्रेज़ी में ज़्यादा परेशानी होती है । आज इस पोस्ट में हम विज्ञान की तैयारी के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे । अगर किसी अन्य विषय की तैयारी करना चाहते हैं तो आप कमेंट के माध्यम से जरूर बताएँ |
नब्बे प्रतिशत ( 90% ) प्रश्नों की तैयारी सूत्र के द्वारा बिना याद किए..✴️
क्या आपको पता कि सूत्रों से सम्बंधित लगभग 90 % प्रश्नों के उत्तर बिना याद किए पता किया जा सकता है। जी हाँ दोस्तों यह वास्तव में सही है। विज्ञान विषय में लगभग 50 % प्रश्न आंकिक ( numeric ) होते हैं परिक्षा में जिसमें प्रत्यक्षरूप से सूत्र का उपयोग किया जाता है। अब बाकि 40 % प्रतिशत प्रश्नों का उत्तर अप्रत्यक्ष रूप से सूत्र का उपयोग करके पता किया जाता है। आंकिक प्रश्नों का उत्तर तो आसानी से जाना जा सकता है परन्तु शाब्दिक प्रश्नों का उत्तर जानना थोड़ा मुश्किल होता है ; क्योंकि इन प्रश्नों को आंकिक रूप से शाब्दिक रूप में बदलने के कारण समझना कठिन हो जाता है। तो चलिए जानतें हैं इनके बारे में विस्तार से...
कैसे करें शाब्दिक प्रश्नों की तैयारी?
How to Prepare Literally Questions?
शाब्दिक प्रश्नों की तैयारी ही ज्यादा भारी पड़ता है विद्यार्थियों को लेकिन इस वैज्ञानिक विधि के द्वारा बहुत ही आसानी से किसी भी प्रश्न का हल या उत्तर दे सकते हैं।
उदाहरण : 1. बल क्या है ? इसे परिभाषित किजिए।
2. परिणामी बल शून्य कब होगा ?
3. गतिज ऊर्जा किन - किन चीजों पर निर्भर करती है ?
4. गतिज ऊर्जा किसे कहते हैं ?
5. पानी ( जल ) और बर्फ में किसका घनत्व अधिक है ? कारण सहित स्पष्ट किजिए |
इस प्रकार के कितने ही क्यों न प्रश्न हों आप सभी प्रश्नों के उत्तर दे सकते हैं वो भी बिना याद किए। चलिए इन सभी प्रश्नों का उत्तर जानते हैं।
उत्तर : 1.
परिभाषा ( Definition ) : " बल वह बाह्य कारक है जो किसी वस्तु को गतिमान अवस्था से विरामावस्था में और यदि विरामावस्था में है तो गति अवस्था में ला देता है या लाने का प्रयास करता है। "
इसका मात्रक न्यूटन होता है। इसे " F " से प्रदर्शित करते हैं।
सूत्र : बल = द्रव्यमान × त्वरण
या F = ma
यदि त्वरण " g " तब F = mg
उत्तर : 1.
परिभाषा ( Definition ) : " बल वह बाह्य कारक है जो किसी वस्तु को गतिमान अवस्था से विरामावस्था में और यदि विरामावस्था में है तो गति अवस्था में ला देता है या लाने का प्रयास करता है। "
इसका मात्रक न्यूटन होता है। इसे " F " से प्रदर्शित करते हैं।
सूत्र : बल = द्रव्यमान × त्वरण
या F = ma
यदि त्वरण " g " तब F = mg
इसकी परिभाषा को गौर से देखिए - इसे सूत्र की मदत से ही बनाया गया है। कैसे ?
आइए जानते हैं :
सूत्र में बल = द्रव्यमान × त्वरण दिया गया है।
जहाँ m = वस्तु का द्रव्यमान
तथा a = त्वरण
त्वरण ( Acceleration ) : वेग परिवर्तन की दर को त्वरण कहते हैं।
सूत्र : a = v1 - v 2 / t
जहाँ v1 = प्रारंभिक वेग है ।
v 2 = बड़ा हुआ वेग है।
इससे एक बात तो साफ पता चल रही है कि बल का मान त्वरण पर ज्यादा निर्भर होता है क्योंकि अगर वेग में परिवर्तन नहीं हुआ तो बल का मान लगभग शून्य होगा। तो कुल मिलाकर कहें कि बल के लिए द्रव्यमान और त्वरण का होना जरूरी है। अगर कोई वस्तु गति में है तो उसे बल लगाकर रोका या रोकने का प्रयास किया जा सकता है ।
या अगर को वस्तु विरामावस्था में ( रूकी हुई ) है तो उसे बल लगाकर गती की अवस्था में लाया जा सकता है या लाने का प्रयास कर सकते हैं ।
इस प्रकार बल की परिभाषा यह निकलकर आती है " बल वह बाह्य ( बाहरी ) कारक है जो किसी विरामावस्था कि वस्तु को गति और गति अवस्था की वस्तु को विरामावस्था में कर देता है या करने का प्रयास करता है।"
ऊपर वाली परिभाषा से यह परिभाषा थोड़ी अलग है पर इसका मतलब यह नहीं है कि यह परिभाषा गलत है।
परिभाषा को बनाने के लिए निम्न निर्देश :
- एकही परिभाषा भिन्न - भिन्न शब्दों या ततरिकों से बनाई जा सकती है।
- परिभाषा द्वारा पुरा अर्थ स्पष्ट होना चाहिए चाहे जो भी शब्द उपयोग में हों।
- परिभाषा द्वारा हर परिस्थिति स्पष्ट होनी चाहिए।
- परिभाषा को इच्छानुसार छोटा या बड़ा किया जा सकता है।
- परिभाषा सूत्र की उपज है या सुत्र से ही बनायी जाती है।
- परिभाषा राशियों के नाम पर भी बनाई जा सकती है। जैसे : " द्रव्यमान और त्वरण के गुणनफल को बल कहते हैं। "
- परिभाषाएँ दो तरह से बनाई जाती हैं - 1.शब्दो की सहायता से, 2. राशियों की मदद से।
उपर्युक्त नियम से यह स्पष्ट होता है हम एक ही परिभाषा को कई तरह से बना सकते हैं। शर्त यह है कि अर्थ स्पष्ट होना चाहिए। अगर हमें शाब्दिक परिभाषा नहीं पता है तो हम राशियों में क्या संबंध है उसके जरिए भी बना सकते हैं।
जैसे : किसी गतिशील वस्तु के द्रव्यमान और वेग के गुणनफल को संवेग कहते हैं।
इसी तरह से परिभाषाओं को बनाएंँ और याद करने वाली बात भूल जायें क्योंकि जो परिभाषा हम बना लेगें तो याद करने की जरूरत ही क्या है।
उत्तर : 2.
बल क्या है हमने जान लिया पर यह परिणामी बल क्या है इसके बारे में जानना बहुत ही जरूरी है क्योंकि अगर परिणामी का मतलब नहीं पता होगा तो हम उत्तर नहीं दे पायेंगे ।
परिणामी बल ( Resulting force ) : जब किसी पिण्ड या वस्तु पर कई बल एकसाथ कार्य कर रहे हों तो सभी बलों का योग ही इनका परिणामी बल कहलायेगा। निचे दिए गए चित्र को देखिए -
इनका परिणामी बल F, F1, F2 और F3 में जिसका मान अधिक होगा उधर से होकर जायेगा ।
जैसे मान लिजिए
F1 = 1 न्यूटन
F2 = 2 न्यूटन और
F3 = 3 न्यूटन
बल लगे हैं तब परिणामी बल F , F3 = 3 न्यूटन वाले बल की तरफ होकर जायेगा।
अब सवाल यह है कि परिणामी बल कब शून्य ( Zero ) होता है।
जब दो या कई बल ऐसे कार्य कर रहें हों कि उनमें परिणाम न के बराबर हो तो इसी स्थिति को ही शून्य परिणामी बल कहते हैं।
या
जब दो या दो से अधिक बल एक दुसरे के विपरीत और बराबर हों तो उनका परिणामी बल शून्य होगा।
निचे दिए गए चित्र में शून्य परिणामी बल को दिखाया गया है।
चित्र से स्पष्ट है कि पिण्ड पर दो बराबर बल हैं जो एक - दूसरे के विपरीत दिशा में कार्यरत हैं। इसलिए इनका परिणामी बल शून्य है।
नोट : यहाँ पर हमने प्रश्नों को विस्तार से बताया है क्योंकि अच्छे से समझ आ सके। इसका यह मतलब नहीं है कि आप भी परिक्षा में इतना विस्तार से लिखें। आपको केवल इतना लिखना है जो प्रश्न में पूछा जाता है । जैसे ऊपर दिए गए प्रश्न में यह पूछा गया है कि " परिणामी बल कब शून्य होता है " तो उत्तर में हमें केवल यह लिखना है -
जब दो या दो से अधिक बल एक दुसरे के विपरीत और बराबर हों तो उनका परिणामी बल शून्य होगा।
हाँ अगर प्रश्न में यह भी पूछा गया हो कि इसे समझाइए तब हम थोड़ा विस्तार करके लिखेंगे ।
उत्तर : 3. & 4.
गतिज ऊर्जा क्या है इसके बारे में जान लेना चाहिए तब हम आसानी से यह समझ जायेंगे इसके सवालों को ।
गतिज ऊर्जा ( Kinetic energy )
परिभाषा ( definition )
किसी वस्तु में उसकी गति के कारण जो ऊर्जा उत्पन्न होती है उसे उस वस्तु की गतिज ऊर्जा कहते हैं। इसका भी मात्रक जूल होता है । इसका सूत्र K = ( 1 / 2 ) mv2
होता है। गतिज ऊर्जा की परिभाषा से ही एक बात स्पष्ट हो रही है कि गति के कारण ऊर्जा उत्पन्न होती है। अतः स्पष्ट है कि वेग ही मुख्य कारण है जो गतिज ऊर्जा को ज्यादा प्रभावित करता है।
इसके बाद द्रव्यमान गतिज ऊर्जा को प्रभावित करता है क्योंकि सूत्र में द्रव्यमान का वेग में गुणा है। अगर कुल मिलाकर कहें कि गतिज ऊर्जा किन - किन कारणॊ पर निर्भर करती है तो इसका सीधा उत्तर है - वेग और द्रव्यमान।
क्योंकि दोनों का गुणनफल ही गतिज ऊर्जा के मान के लिए उत्तरदायी है।
उत्तर : 5.
जल और बर्फ़ में किसका घनत्व अधिक होता है ?
माना कि इसका उत्तर हमें नहीं पता या नही याद है तो सवाल यह है कि इसे कैसे पता करें । यहाँ पर घनत्व की बात हो रही है कि किसका ज्यादा है और किसका कम। यहाँ पर अगर आप घनत्व के बारे में जानते हैं तो जाहिर है कि आप यह उत्तर भी पता कर सकते हैं। अगर नहीं पता है तो चलिए घनत्व के बारे में जानते हैं।
घनत्व ( Density )
किसी वस्तु का घनत्व, एकांक आयतन में उपस्थित द्रव्यमान की मात्रा को कहते हैं ।
मात्रक : इसका मात्रक " किग्रा / मीटर3 " होता है।
सूत्र : d = m / v
अब यहाँ पर इस बात पर भी गौर किजिएगा कि घनत्व की परिभाषा भी सूत्र के माध्यम से बनायी गयी है । इसका सीधा मतलब है कि हमें यह सभी प्रश्न याद करने की कोई जरूरत नहीं है। चलिए अब घनत्व के बारे में जानतें हैं।
घनत्व का उदाहरण ( Example of Density )
घनत्व शब्द घन विशेषण है। घन का मतलब किसी वस्तु की एकांक आयतन में उपस्थित मात्रा से है। जैसे कोई चीज़ ज्यादा हो जाये तो उसे हम प्राय घनी, घना कहते हैं।
मान लिजिए दो गाँव A और B है। गाँव A में 100 लड़के और गाँव B में 50 लड़के हैं । यहाँ पर हम क्या अन्तर देख रहे हैं। गाँव A में लड़कों की संख्या अधिक है तो इसी को हम इस प्रकार से कह सकते हैं कि गाँव A में लड़कों की संख्या का घनत्व अघिक है। ठीक इसी प्रकार से पानी और बर्फ के घनत्व के बारे में हमें बताना है ।
पानी और बर्फ में किसका घनत्व अधिक..
हम जानते हैं कि अगर किसी बर्फ़ के टुकड़े को जल ( पानी ) में डूबोया जाता है तो बर्फ़ का टुकड़ा पानी में नही डूबता है ।अतः बर्फ़ का घनत्व कम होता है और पानी का ज्यादा। अगर बर्फ़ का घनत्व अधिक होता तो बर्फ पानी में ही डूबा रहता । यह घनत्व में अन्तर जानने का आसान तरीका है।
क्योंकि दोनों का गुणनफल ही गतिज ऊर्जा के मान के लिए उत्तरदायी है।
उत्तर : 5.
जल और बर्फ़ में किसका घनत्व अधिक होता है ?
माना कि इसका उत्तर हमें नहीं पता या नही याद है तो सवाल यह है कि इसे कैसे पता करें । यहाँ पर घनत्व की बात हो रही है कि किसका ज्यादा है और किसका कम। यहाँ पर अगर आप घनत्व के बारे में जानते हैं तो जाहिर है कि आप यह उत्तर भी पता कर सकते हैं। अगर नहीं पता है तो चलिए घनत्व के बारे में जानते हैं।
घनत्व ( Density )
किसी वस्तु का घनत्व, एकांक आयतन में उपस्थित द्रव्यमान की मात्रा को कहते हैं ।
मात्रक : इसका मात्रक " किग्रा / मीटर3 " होता है।
सूत्र : d = m / v
अब यहाँ पर इस बात पर भी गौर किजिएगा कि घनत्व की परिभाषा भी सूत्र के माध्यम से बनायी गयी है । इसका सीधा मतलब है कि हमें यह सभी प्रश्न याद करने की कोई जरूरत नहीं है। चलिए अब घनत्व के बारे में जानतें हैं।
घनत्व का उदाहरण ( Example of Density )
घनत्व शब्द घन विशेषण है। घन का मतलब किसी वस्तु की एकांक आयतन में उपस्थित मात्रा से है। जैसे कोई चीज़ ज्यादा हो जाये तो उसे हम प्राय घनी, घना कहते हैं।
मान लिजिए दो गाँव A और B है। गाँव A में 100 लड़के और गाँव B में 50 लड़के हैं । यहाँ पर हम क्या अन्तर देख रहे हैं। गाँव A में लड़कों की संख्या अधिक है तो इसी को हम इस प्रकार से कह सकते हैं कि गाँव A में लड़कों की संख्या का घनत्व अघिक है। ठीक इसी प्रकार से पानी और बर्फ के घनत्व के बारे में हमें बताना है ।
पानी और बर्फ में किसका घनत्व अधिक..
हम जानते हैं कि अगर किसी बर्फ़ के टुकड़े को जल ( पानी ) में डूबोया जाता है तो बर्फ़ का टुकड़ा पानी में नही डूबता है ।अतः बर्फ़ का घनत्व कम होता है और पानी का ज्यादा। अगर बर्फ़ का घनत्व अधिक होता तो बर्फ पानी में ही डूबा रहता । यह घनत्व में अन्तर जानने का आसान तरीका है।
आप अपनी राय हमें जरुर बतायें कि आपको यह जानकारी कैसी लगी। आप हमें dkc4455@gmail.com मेल भी कर सकते हैं।
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