नमस्कार मित्रॊं आप सभी का स्वागत है। इस पोस्ट में जिसमें हम जानेंगे कि आखिर क्यों अचर पदों का अवकलन शून्य होता है। इसके पहले अवकलन कैसे करते हैं और इसका क्या महत्व है हमारे जीवन में। दरअसल मैं चाहता हूँ कि मैं जो भी पोस्ट या जानकारी दे रहा हूँ वो उपयोगी ही नहीं बल्कि जरूरी भी हो। अगर आप ग्यारहवीं या बारहवीं ( Intermediate ) में पढ़ाई कर रहे हैं तो समझिए यह जानकारी आपको बहुत फायदा देने वाली है। गणितों में कैलकुलस का ऊँचा स्थान है और होना भी चाहिए । क्योंकि इस गणित का जितना अधिक उपयोग होता है शायद ही किसी दूसरी गणित का होगा। इसकी विशेषता अगर विस्तार से बताया जाय तो यह पोस्ट सिर्फ विशेषता को ही बताने में भर जायेगा। कैलकुलस के दो भाग हैं -
- अवकलन ( Differentiation )
- समाकलन ( Integration )
सबसे पहले हम जानेंगे अवकलन के बारे में शुरु करते हैं ये पोस्ट ।
✴️ विशेष आग्रह : अगर इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपके मन में अवकलन से संबंधित कोई सवाल उठता है तो वह सवाल या फिर आपकी कोई राय हो तो निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में हमें ज़रूर लिखें उसे हल करने की पूरी कोशिश की जायेगी । धन्यवाद..
अवकलन किसे कहते हैं या अवकलन क्या है?
अवकलन ( Differentiation ) : सीमा ज्ञात करने की इस क्रिया को अवकलन करना कहते हैं या किसी फलन के अवकल - गुणांक ज्ञात करने की संक्रिया को अवकलन ( Differentiation ) करना कहते हैं।
अब हम कुछ छोटे - मोटे उदाहरणों को हल करके देखते हैं और फिर जहाँ नहीं समझ में आता है तो हम वहीं पर उसका मतलब जानेंगे। इससे हमें सीखने में ज्यादा मदत मिलेगी।
उदाहरण 1. 9x5 का अवकलन किजिए ।
या
फलन 9x5 का x के सापेक्ष अवकल गुणांक ज्ञात किजिए।
हल : x पे कितनी भी घात या घातांक हो जब इसका अवकलन करते हैं तो उसकी घात का गुणा x में हो जाता है और इसके घातांक में एक अंक की कमी हो जाती है। इस तरह के प्रश्नों को हल करने के लिए
सूत्र y =xn, dy/dx = nxn-1 का उपयोग किया जाता है।
सूत्र y =xn, dy/dx = nxn-1 का उपयोग किया जाता है।
जहाँ n एक अचर घातांक और x एक चर है।
d ( 9x5 ) / dx = 9 × d ( x5 ) / dx
= 9 × 5 × x4
विशेष : x का अवकलन 1 होता है । अचर पद का अवकलन शून्य ( 0 ) होता है। अब यह सवाल भी उठता है कि आखिर क्यों अचर पदों का अवकलन शून्य होता है। चलिए जानते हैं।
चलिए अब अवकलन के कुछ मुख्य सूत्रों को देखते हैं -
उत्तर = 45x4
इसमें आप देख सकते हैं कि 9 को जैसा का तैसा है। दरअसल 9 एक संख्या है जिसका x के साथ गुणा हुआ है और एक मुख्य बात यह एक अचर है। अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि अचर क्या होता है तो आप घबराये नहीं मैं इन सभी सवालों यानी प्रश्नों को स्पष्ट करने जा रहा हूँ ध्यान से पढियेगा।
राशियाँ
राशियाँ दो प्रकार की होती हैं -- चर ( Variables )
- अचर ( Constants )
चर राशियाँ ( Variables ) - वे राशियाँ जिनका मान बदलता रहता है अर्थात् जिन राशियों के अनगिनत संख्यात्मक मान हो चर ( Variables ) कहते हैं। यह राशियाँ साधारणतया अंग्रेजी वर्णमाला के अन्तिम अक्षरों x, y, z, u, v, w आदि के द्वारा निरूपित की जाती हैं। कुल मिलाकर कहें तो चर राशि वह वस्तु या संख्या है जिसका एक मान नहीं बल्कि असंख्य मान हो सकते हैं।
अचर ( Constant ) - वे राशियाँ जिनका मान गणित की प्रत्येक गणना या संक्रिया में अपरिवर्तित रहता है, अचर कहलाती है । या वह राशि या मान जो नियत है यानी जिसमें परिवर्तन नहीं होता अचर कहलाती है।
अचर राशियाँ दो प्रकार की होती हैं -
अचर राशियाँ दो प्रकार की होती हैं -
- निरपेक्ष या पूर्ण ( Absolute )
- स्वेच्छ अचर ( Arbitrary Constants )
निरपेक्ष या पूर्ण अचर ( Absolute Constants )
जिन राशियों का मान प्रत्येक प्रश्न में स्थिर रहता है, निरपेक्ष या पूर्ण अचर कहलाती हैं ; जैसे : - 2, - 5, 1, 11, 1 / 2 आदि।
स्वेच्छ अचर ( Arbitrary Constants )
जिन राशियों का मान किसी दिये हुए प्रश्न में तो स्थिर रहता है परन्तु अलग - अलग प्रश्नों में अलग - अलग हो जाता है , स्वेच्छ अचर कहलाती हैं। ये राशियाँ वर्णमाला के प्रारंभ के अक्षरों a, b, c, d आदि के द्वारा निरूपित की जाती है।
हमने उपर देखा कि 9 एक संख्या है जो कि अचर है क्योंकि यह 9 ही रहेगा। जैसा कि हम सब जानते हैं कि 1 किलोमीटर में 1000 मीटर होता है और यह हर जगह एक ही रहेगा ना कि हर जगह अलग - अलग होगा। इसलिए 1 किलोमीटर हो या दो किलोमीटर हर जगह ( स्थान ) पर एकसमान होगा।
उदाहरण 2. x3 + x2 + 1 का x के सापेक्ष अवकलन या अवकल गुणांक ज्ञात किजिए।
हल : x3 + x2 + 1 का x के सापेक्ष अवकलन करने के लिए हमें तीनों का अलग - अलग अवकलन करना होगा।
d ( x3 + x2 + 1 ) / dx = d ( x3 ) / dx + d ( x2 ) / dx + d ( 1 ) / dx
d ( x3 + x2 + 1 ) / dx = 3 x2 + 2x + 0
d ( x3 + x2 + 1 ) / dx = 3 x2 + 2x Answer
बीजगणितीय संख्याओं ( abc, xyz आदि ) में बीजगणितीय संख्या से कैसे भाग ➗ करें ? 😯
✴ घातांक का मान कब शून्य होता है।
हल : x3 + x2 + 1 का x के सापेक्ष अवकलन करने के लिए हमें तीनों का अलग - अलग अवकलन करना होगा।
d ( x3 + x2 + 1 ) / dx = d ( x3 ) / dx + d ( x2 ) / dx + d ( 1 ) / dx
d ( x3 + x2 + 1 ) / dx = 3 x2 + 2x + 0
d ( x3 + x2 + 1 ) / dx = 3 x2 + 2x Answer
चूँकि 1 अचर है इसलिए इसका अवकलन 0 हुआ। हम जानते हैं कि अचर राशि का अवकलन शून्य होता है। अगर 1 के स्थान पर 2, 3, 4, 5 या कोई भी संख्या हो उसका अवकलन सदैव शून्य होगा । जब अचर संख्याओं का चर संख्याओं के साथ गुणा हो तो इस स्थिति में अचर संख्या का अवकलन नहीं होता है ।
जैसे :
d ( 9x5 ) / dx = 9 × d ( x5 ) / dx
= 9 × 5 × x4
इस उदाहरण में 9 का अवकलन नहीं हुआ है । इसी प्रकार किसी भी समीकरण में उस अचर का अवकलन नहीं होगा जिसमें किसी चर का गुणा किया गया हो। अचर संख्या का अवकलन तभी होगा जब केवल अचर ही हो। मतलब इसके साथ कोई चर न हो।
उत्तर = 45x4
विशेष : x का अवकलन 1 होता है । अचर पद का अवकलन शून्य ( 0 ) होता है। अब यह सवाल भी उठता है कि आखिर क्यों अचर पदों का अवकलन शून्य होता है। चलिए जानते हैं।
अचर पदों का अवकलन शून्य क्यों होता है?
जहाँ h⇾0 का मतलब यह है कि h का मान शून्य या जीरो की तरफ जा रहा है। h वह छोटे से छोटा मान है जिसे फलन f ( x ) में वृद्धि के रूप में जोड़ा जाता है।
इस सूत्र को मूल या प्रथम सिद्धांत कहते हैं। इससे किसी भी फलन का अवकलन किया जा सकता है। अब जानते हैं कि कैसे अचर पदों का अवकलन शून्य होता है। इससे पहले हमें y = x2 का अवकलन कैसे निकालते हैं वो देख लेते हैं तब समझना और भी आसान हो जाएगा। हम जानते हैं कि x2 का अवकलन 2x होता है तो चलिए इस सूत्र से हल करके देखते हैं।
अगर x2 में h वृद्धि कर दें तो फलन ( y =) f( x2 ) से बढ़कर f ( x + h ) 2 हो जायेगा। चुँँकि y और x दोनों एक-दूसरे पर निर्भर करते हैं। इसलिए अगर x के मान में वृद्धि होगी तो y के मान में भी वृृद्धि होगी। चलिए आंकिक उदाहरण देखते हैं।
मान लिजिए पहले x का मान 3 था तब y का मान 9 होगा ( y = x2 ) और जब x का मान 4 ( 1 की वृद्धि ) करते हैं तब y का 9 मान से बढ़कर 16 ( 7 की वृद्धि ) हो जाती है।
तब,
अगर x2 में h वृद्धि कर दें तो फलन ( y =) f( x2 ) से बढ़कर f ( x + h ) 2 हो जायेगा। चुँँकि y और x दोनों एक-दूसरे पर निर्भर करते हैं। इसलिए अगर x के मान में वृद्धि होगी तो y के मान में भी वृृद्धि होगी। चलिए आंकिक उदाहरण देखते हैं।
मान लिजिए पहले x का मान 3 था तब y का मान 9 होगा ( y = x2 ) और जब x का मान 4 ( 1 की वृद्धि ) करते हैं तब y का 9 मान से बढ़कर 16 ( 7 की वृद्धि ) हो जाती है।
तब,
अतः यहाँ से भी x2 का अवकलन 2x ही आ रहा है। इसी तरह से गोले के पाई (अचर गुणांक ) का अवकलन करेगें। हम जानते हैं कि गोले की त्रिज्या चाहे जितना भी बड़ी करेे पर पाई के मान में कोई अन्तर नहीं होगा। इसलिए माना गोले की त्रिज्या r है तो r के प्रतेक मान के लिए f ( r2 ) = 兀 तथा f ( r + h )2 = 兀 का मान समान होगा। जहां h त्रिज्या में वृृद्धि है। इसलिए
अतः इस तरह किसी भी अचर पद का अवकलन शून्य ही होगा या होता है।
Lim h→ 0 { f( r + h )2 - f ( r2 ) } / h
Lim h→ 0 ( 兀 - 兀 ) / h = 0अतः इस तरह किसी भी अचर पद का अवकलन शून्य ही होगा या होता है।
सूत्र ( Formula )
सूत्र क्या है इसकी जानकारी देना भी बहुत जरूरी है तो चलिए जानते हैं कि सूत्र क्या होता है। सूत्र एक ऐसा हल होता है जो अधिकांश प्रश्नों में उपस्थित होता है। अथवा जिस प्रश्न का अधिकतम उपयोग किया जाता है या होता है उसे प्रायः सूत्र के रूप में स्वीकार कर लिया जा सकता है।
चलिए अब अवकलन के कुछ मुख्य सूत्रों को देखते हैं -
अवकलन के कुछ मुख्य सूत्र
- y =xn, dy/dx = nxn-1
- y = c, dy/dx = 0
- y = ex , dy/dx = ex
- y = ax , dy/dx = axlogea
- y = logax, dy/dx = logae/x
- y = sinx, dy/dx = cosx
- y = cosx, dy/dx = - sinx
- y = tanx, dy/dx = sec2x
- y = cosecx, dy/dx = -cosecx cotx
- y = secx, dy/dx = secx tanx
- y = cotx, dy/dx = - cosec2x
- y = logex, dy/dx = 1/x
ऊपर दिए गए सूत्रों का उपयोग बहुधा किया जाता है इसलिए इनको याद रखना चाहिए। याद करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप इन्हीं प्रश्नों या इसी तरह के प्रश्नों को को हल करो एक नहीं बल्कि कई बार आप जब एक ही तरह के प्रश्नों को हल करते हो तो वो प्रश्न आपके मन और मस्तिष्क में बैठ जाता है । इस तरह आप हर तरह के प्रश्न को याद कर सकते हैं। मन और मस्तिष्क की जानकारी के लिए ये पोस्ट पढें -
🔵 मन और मस्तिष्क में कौन तेज़ ?
🔵 मन और मस्तिष्क में कौन तेज़ ?
उदाहरण 3. sinx का x के सापेक्ष अवकलन ज्ञात करिए ।
हल : sinx का x के सापेक्ष अवकलन करने पर -
d( sinx )/dx = cosx
अतः sinx का अवकलन cosx है ।
अवकलन के उपयोग (use of Differentiation)
अवकलन गणित, कैलकुलस की मुख्य शाखा है जिसके बहुत ही महत्वपूर्ण उपयोग हैं । चूँकि यह गणित अति छोटी ( अत्यल्प ) राशियों पर चलती है या अत्यल्प राशियाँ इसकी आधारभूत विशेषता है, इसलिए इसका उपयोग हर क्षेत्र में होता है। विशेषकर विज्ञान में इसका इस्तेमाल बहुत महत्वपूर्ण है।
यह तो आधुनिक विधि है जिसके द्वारा यह अवकलन किया गया है और शायद यह समझ में नहीं आ रहा होगा कि यह कैसे आया है। प्रथम विधि से अवकलन कैसे किया जाता है हम जानेंगे इसे अगले पोस्ट में। तब तक आप उपर दिये गये सूत्रों का उपयोग कर कुछ सवालों को हल करिए।
गणित में कमजोर होना सही नहीं है क्योंकि गणित को विज्ञान की माता कहा जाता है यानी अगर आप गणित में कमजोर हैं तो समझिए आप विज्ञान को अच्छी तरह से नहीं जान सकते हैं।
अगर आप गणित सीखने की ईच्छा रखते हैं तो आप जरूर सीख जायेगें । आपको बस इतना करना कि इस साइट को सब्सक्राइब करके हमारे सभी पोस्टों को आसानी से पढ़ सकते हैं। अगर आपको कोई बात या क्रिया समझ में नहीं आया हो तो आप पूछ सकते हैं। धन्यवाद !
अगर आप गणित सीखने की ईच्छा रखते हैं तो आप जरूर सीख जायेगें । आपको बस इतना करना कि इस साइट को सब्सक्राइब करके हमारे सभी पोस्टों को आसानी से पढ़ सकते हैं। अगर आपको कोई बात या क्रिया समझ में नहीं आया हो तो आप पूछ सकते हैं। धन्यवाद !
13 टिप्पणियाँ
thanks bhai mere
जवाब देंहटाएंYour welcome.
हटाएंMai apse kaise jud Sakta hi live
जवाब देंहटाएंMujhse judne ke liye niche 👇 diye Follow by Email par click kare. Thanks
हटाएंHam aapse live class karna chahte hai only chapter 13 plz sir
जवाब देंहटाएंSabse pahle comment karne ke dhanyawad. Avakalan ho samakalan jo bhi sawal ho aap comment ke jariye puche.
हटाएंHamara youtube channel " PossibilityPlus " hai jis par aap koi bhi sawal puch sakte hain aur jarurat ke hisab se video bhi banayi jati hai aapke comment ke anusar.
D. K CHAUHAN
हटाएंSir koi possibilityPlus ka utube channel hi nhi hai.
Is link पर क्लिक करो possibilityPlus पर पहुंच जाओगे. 👇https://m.youtube.com/channel/UCsljC5CVaakOQY8-yCgLopQ
जवाब देंहटाएंHame pata kaise chalega ki avakalan hoga
जवाब देंहटाएंThanks for your valuable comments.
हटाएंKisi bhi falan ka avakalan kiya ja sakta hai chahe wo achar ho ya char. Darasal avakalan ka Matlab hai seema nikalna ya pata karna.
Agar aapka koi aur bhi sawal ho to jaroor puchey.
Y ke sthan par kya le rage ho AAP
जवाब देंहटाएंY परतंत्र चर ( दूसरों पर निर्भर होने वाला चर) है जो स्वतंत्र चर x पर निर्भर करता है। इसलिए प्रश्न में Y के स्थान पर x का मान लिखा जाता है। Y, x का फलन ( product या उत्पाद) है।
हटाएंक्या आप संतुष्ट हैं इस उत्तर से या नहीं कमेंट बॉक्स में लिखकर बात स्पष्ट करें। धन्यवाद !
Kisi falan ki Seema nikalne se kya tatparya hai
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