भिन्नों का जोड़ , घटना , गुणा और भाग
भिन्न क्या है ?
भिन्न एक आंशिक भाग होती है जो दो भागों से बनती है -
- अंश
- हर
जैसे : 1 / 3 , इसमें 1 अंश और 3 हर है ।
आज के दौर में बहुत - से लोग ऐसे हैं जो पढ़ - लिखकर भी भिन्न हल करना नहीं जानते हैं । इस कमी का आभास उन्हें तब होता है जब वो कोई काम करने लगते हैं और काम या कार्य में उनको कोई सटीक ( ठीक - ठीक ) माप लेनी पड़ती है । लेकिन ऐसा बहुतों के साथ होता है किसी एक के साथ नहीं ।
आज के दौर में अगर आपको सफल कारिगर बनना है तो भिन्न का गुणा , भाग , जोड़ और घटना जानना ही होगा । ये बहुत आसान है , तो देर किस बात कि चलो जानते हैं भिन्न के बारे में |
भिन्नों का हमारे दैनिक जीवन में उपयोग
भिन्न का विशेष महत्व है हमारे दैनिक जीवन ( daily life ) में , कोई भी छोटी - मोटी गणना करनी है तो भिन्न का ही सहारा लेना पड़ता है । जैसे - कोई बारीक काम करना है तो वहाँ भिन्न का उपयोग करना पड़ता है क्योंकि छोटी - छोटी गणना अक्सर भिन्न में होती हैं ।
आप इस बात से भी भिन्न के उपयोग का अन्दाज लगा सकते हैं कि ये कितना महत्वपूर्ण है । चलो मान लेते हैं कि कोई दुकानदार कोई कलम Rs. 5.5 या 5 + 1/2 ( भिन्न रुप ) पर कलम के हिसाब से 100 लोगों को बेचता है तो दुकानदार को कुल Rs. 550 मिलता है । अगर दुकानदार केवल Rs. 5
पर कलम को 100 लोगो में बेचता है तो उसे Rs. 50 का घाटा होगा । क्या दुकानदार ऐसा करेगा , दुकानदार ऐसा नही करेगा और नाहि Rs. 1/2 या 0.5 नहीं छोड़गा पर कलम में ।
अगर आप किसी भी काम जिसमें महारत हासील करना चाहते हैं तो बारिकियाँ आपके लिए बहुत जरुरी है । जैसे - वैज्ञानिक , डाक्टर , ईन्जीनियर आदि ये सभी लोग बारिकियों पर विशेष ध्यान देते हैं । इसलिए उसे ये हिसाब या तो भिन्न के सहारे करना है नहिं तो दशमलव के सहारे । बहुत - सी भिन्न को दशमलव में बदलकर आसानी के गणना की जा सकती है
परन्तु कुछ - कुछ भिन्ने ऐसी हैं ( जैसे - 1/3 , 2/3 , 1/6 , 1/7 आदि )कि जिनको दशमलव में बदलने का कोई फायदा नही है और पुरी तरह से भाग कटती भी नही । अतः ऐसे भिन्नो का हल भिन्न विधि से ही करना सही होता है । अब जानते हैं भिन्न के जोड़ , घटाना , गुणा और भाग के बारे में क्रमवाईज ( Serialwise )
भिन्नों को जोड़ने की विधि :
भिन्नों को जोड़ने कि मुख्यत: दो विधियाँ होती हैं -1. लघुत्तम समापवर्त्य विधि :
इस विधि में हर का लघुत्तम समापवर्तक लेते हैं । ये विधि तब उपयोग में लाना अच्छा होता है जब दो से अधिक भिन्नों को जोड़ना हो ।
इसकि विधि इस प्रकार है -
• सबसे पहले सभी भिन्नों के हर का लघुत्तम समापवर्तक निकाल लो ।
• अब प्राप्त लघुत्तम समापवर्तक से प्रतेक अंश और हर में गुणा कर लो ।
• अब प्रतेक हर संख्याएँ जिनसे ल.स. प्राप्त हुआ है उनसे अंश में भाग कर दो हर समान हो जायेगा ।
• अब सभी अंश संंख्याओं का योग कर लिजिए । अगर अंश और हर में कुछ काॅमन है तो उन्हे काटकर भिन्न को छोटा करलें ।
उदाहरण : माना भिन्नों 1/2 , 1/3 और 1/4 का योग निकालना है ।
अब सबसे पहले हम 2 , 3 और 4 का लघुत्तम समापवर्तक ( ल. स. ) निकालेंगे , जो निकालने पर 12 आता है । अगर .. निकालने की विधि नहीं पता है तो निचे दिए चित्र को देखिए :
अब 12 से ( 1 × 12 / 2 × 12 ) + ( 1 × 12 / 3 × 12 ) + ( 1 × 12 / 4 × 12 ) अंश व हर में गुणा करने पर
( समीकरण 1 )
अब यहाँ एक सवाल आपके मन उठ सकता है कि ये लघुत्तम लेना क्यों जरुरी है ?
दरअसल लघुत्तम समापवर्तक भिन्न में इसलिए लिया जाता है कि हर एकसमान हो जाये और भिन्न आसान हो जाये ।
चूँकि हमें भिन्नों का हर समान करना है इसलिए हम समीकरण 1 में पहली भिन्न में 2 से , दुसरी भिन्न में 3 से और तीसरी भिन्न में 4 से भाग करेंगे ।
अब भिन्न इस प्रकार 6/12 + 4/12 + 3/12 ( ल.स. लेने पर ) होगी ।
चूँकि हर समान है इसलिए भिन्नों को जोड़ने पर -
( 6 + 4 + 3 ) / 12 = 13 / 12
अतः उत्तर - 1 / 2 + 1 / 3 + 1 / 4 = 13 /12
2. वज्रगुणन विधि :
इस विधि में दो भिन्नों को पहले जोडा़ जाता है फिर तिसरी भिन्न को यानी एक साथ केवल दो भिन्न जोड़ने के लिए अच्छी है यह विधि । इसमे पहली भिन्न के हर से दुसरे भिन्न के अंश में और दुसरे भिन्न के हर से पहले के अंश में गुणा करके दोनों अंशो को जोड़ना है ।इसके बाद हर - हर का आपस में गुणा करना है ।
उदाहरण : 1/2 + 1/3 + 1/4 का हल करो ( वज्रविधि से)
हल : 1/2 + 1/3 + 1/4 = ( 1/2 + 1/3 ) + 1/4
= [ ( 1× 3 + 1×2)/2×3 ] +1/4
= ( 5/6 ) + 1/4
= 5/6 + 1/4
= [ ( 5×4 )+ ( 1×6 ) ]/6×4 ( वज्रगुणन या तिर्यक गुणा करने पर )
= ( 20 + 26 )/24
= 26/24
=13/12 ( 2 कॉमन लेने पर )
भिन्न को जोड़ने कि सबसे अच्छी विधि यह है कि भिन्न के हर को समान करके भिन्न हल करना ।
(1). यदि भिन्नो के हर ( जैसे - 1/3 में 3 हर है जबकि 1 अंश है ) समान नहि है तो सबसे पहले हर को समान कर लिजिए ।
(2). जब भिन्नों का हर समान हो जाये तो दोनों भिन्नों के अंश को जोड़ लिजिए और हर को वैसे का वैसा रहने दें । लिजिए हो गया भिन्न का जोड़ पुरा , खुद करके देखें ।
माना हमें 1/3 और 2/3 को जोड़ना है , चूँकि दोनों भिन्नों में हर समान है अर्थात दोनों में हर 3 है अत: भिन्न का योग - 1/3 + 2/3 = 1 + 2/3 = 3/3 = 1
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सतत भिन्नों का जोड़
भिन्न का घटाना - भिन्न के घटाने की विधि बिल्कुल भिन्न के जोड़ जैसी ही है बस अन्तर यह है कि जोड़ने कि जगह घटाना है ।
जैसे हमने भिन्न 1/2 + 1/3 + 1/4 का योग = 6 + 4 + 3/12 = 13/12 निकाला था । यदि इनमें -1/4 हो तब भिन्न का
योग =
= 6 + 4 - 3/12 = 7/12
उत्तर - = 7/12
भिन्न का गुणा ( Multiplication of Fraction)
भिन्न का गुणा करना बेहद आसान है । चलिए देखते हैं क्या है क्रियाविधिकिसी भिन्न का किसी भिन्न में गुणा करना - माना हमें भिन्न 1/2 का भिन्न 1/3 में गुणा करना है तो हमे केवल करना ये है कि अंश का अंंक्ष में और हर का हर में गुणा कर देना है । उदाहरण देखिए -
1/2 × 1/3 = 1 × 1 / 2 × 3
= 1/6
उत्तर - = 1/6
भिन्न की भाग :
भिन्न की भाग की क्रियाविधि थोडा़ अलग है ।भिन्न की भिन्न में भाग कि विधि - माना 1/2 में 1/3 से भाग करना है तो 1/3 का हर 3 का गुना भिन्न 1/2 के अंश ( 1 ) में हो जाता है ।
1/2 ÷ 1/3 = 1 × 3 / 1 × 2
= 3/2
भिन्नों को हल करने वाली विडियो
अगर आपके पास भिन्न से सम्बन्धित कोई सवाल है तो आप मुझे लिखकर इस email - dkc4455@gmail.com पर भेज दे मैं आपकि मदत करने कि पूरी कोशिश करूँगा ।
4 टिप्पणियाँ
Satat bhinn ke bare me bhi samjaye is tarah
जवाब देंहटाएंसबसे पहले आपका धन्यवाद कि आपने कमेंट किया।
हटाएं।इसी आर्टिकल में इसे भी जोड़ दिया जायेगा।
I like this
जवाब देंहटाएंThanks for your valuable comments.
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