जीरो में जीरो में भाग कैसे करें
आज हम शून्य या जीरो की बहुत ही खास कैलकुलेशन के बारे में आपको अवगत कराने जा रहे हैं , और यह है शून्य से शून्य में भाग करना ।
दरअसल यह मान बहुत चर्चा का विषय बना चला आ रहा था क्योंकि 0 ÷ 0 के मान को बहुत से वैज्ञानिक /गणितज्ञ मानते हैं कि 0 ÷ 0 = 0 होता है ,जबकि बहुत से वैज्ञानिक 0 ÷ 0 = 1 मानते हैं जो कि सत्य है ।
नोट : इसमें केवल एक ही उदाहरण दिया गया है। इससे भी अधिक और बड़े-बड़े उदाहरण हैं हमारे पास जिसे समय आने पर ही सामिल किया जायेगा।
यह दुसरा मान क्यों सत्य है आगे इसी आर्टिकल में हम सिद्ध करेंगें। पहले मुझे भी लगता था कि पहला वाला मान यानी 0 ÷ 0 = 0 होता है , लेकिन नहीं यह सही नहीं है।
हम सब यह जानते हैं कि शून्य या जीरो का केवल साधारण उपयोग मात्र से विश्व में विकाश की हलचल - सी मच गयी । दुनिया इस बात की गवाह है कि शून्य के आने से दुनिया में बहुत विकाश हुआ है । पर ये तो केवल शुरूवात है मेरे दोस्त क्योंकि अभीतक यह पता नहिं था कि शून्य से शून्य में भाग कैसे दिया जाये और इसका मान क्या होगा ।
अब यह मुनकीन या संभव हो गया है । पर ये सब इतना आसान नहीं था । यह मान अपने - आप में एक किर्तिमान है क्योंकि इसके उपयोग से ऐेसे - ऐसे काम किये जा सकते हैं जो अद्भुत और सराहनीय होगा यह मेरा विश्वास है न कि भ्रम । हम सब जानते हैं कि शुन्य का केवल कुछ साधारण उपयोग ही किया जाता है जो केवल प्राकृतिक संख्याओं के साथ ही किया जाता है जो इस प्रकार है >>
1. जोड ( जैसे - 0 + 0 = 0, 1 + 0 = 1 इत्यादि )
2. गुणा ( जैसे - 1 × 0 = 0 , 2 × 0 = 0 इत्यादि )
3. भाग ( जो शून्य से अन्य संख्या में नहीं किया जा सकता ,
जैसे - 1 ÷ 0 = ? , 0 ÷ 0 = ? )
4. घटाना ( 0 - 0 = 0 , 1 - 1 = 0 इत्यादि )
- घातांक का मान कब और क्यूँ शून्य होता है?
- अवकलन कैसे करते हैं ?
लेकिन अब शून्य से किसी भी संख्या में भाग करना संभव होगा । इस बारे में अभी जानकारी अधुरी है क्याोंकि यह एक बडी प्रक्रिया है जिसे भविष्य में पुरा कर लिया जायेगा । अब हम आते हैं मुख्य मैटर पर और सबसे पहले यह जानलें कि शून्य से शून्य में भाग करना क्यों जरूरी समझा । मै बडा ही जिज्ञासु टाइप का परसन हूँ ।
इसी कारण जब मैं इण्टरमीडिएट(12th) मे पढ रहा था तो मैने गणित की किताब में कई जगह पर या तो 0 / 0 =? या फिर अपरिभाषित लिखा था यानी कि इसका मान नहिं निकाला जा सकता है जिसके कारण मुझे इस मान को निकालने या हल करने की जिज्ञासा उत्पन्न हुयी और मुझे यह चैलेंजफुल लगा और मैने इस चैलेंज को पुरा करने के लिए इस गणना का हल निकाला जिसको कई वर्ष लग गये क्योंकि बिच - बिच में इसे छोडना पड़ता था ।
आखिरकार मैने कर दिखाया और इस अपरिभाषित मान को परिभाषित कर दिखाया । दरअसल कोई भी चीज अपरिभाषित नहीं होति है अगर होती भी है तो उसे हमारी अज्ञानता ही बनाती है ऐसा मेरा तर्क ही नही बल्कि मेरा पुरा विश्वास भी है ।
सो दोस्तो , मैंने इससे ईंस्पायर(प्रेरित) होकर एक वेबसाइट/ब्लाग बनाया जिसका नाम possibilityplus.in या www.possibilityplus.in रखा है । जिसका पुरा अर्थ या मतलब " संभावना बड़ाना " है ।
चलिए अब जानते हैं >>
Zero devid by zero
शून्य से शून्य में भाग देना बेहद आसान है इसको हम आसान से उदाहरण से समझेंगे तो चलिए देखते हैं ।
उदाहरण : - माना हमें 6 में 2 से भाग करना है तो हम इसे दो प्रकार से व्यक्त कर सकते हैं -
1. ज्ञात भागफल : इसमे उस भाग को शामिल किया जाता है जिसका भागफल हमे पता हो या जिसको पुरी तरह से दर्शाया जा सके , जैसे - 6 में 2 से भाग का भागफल हमे आसानी से पता हो जायेगा या है जिसे करके दिखाया जा रहा है >>
6 ÷ 2 = 3 ( ज्ञात भागफल )
2. अज्ञात भागफल : इसमे उस भाग को शामिल किया जाता है जिसका भागफल हमे ज्ञात ना हो जैसे - 0 ÷ 0 या 1 ÷ 0 इत्यादि का मान या भागफल हमे पता नहिं है इसलिए हम इसे पुरी तरह से व्यक्त नहि कर सकते हैं तो इसे जैसे - का जैसा रहने देते हैं । यहाँ पे हम 0 ÷ 0 = ? तो इसलिए इसे 0 ÷ 0 = 0 ÷ 0 रहने देते हैं ।
भाग के नियमानुसार
भाज्य = भाजक × भागफल + शेषफल
जहाँ भाजक = जिससे किसी संख्या मे भाग किया जाता है उसे भाजक कहते हैं [ जैसे - 6 ÷ 2 = 3 ; मे 2 भाजक है। ]
भागफल = जो भाग देने पर प्राप्त होता है या भाग जितनी बार जाती है उसे भागफल कहते हैं [ जैसे - 6 ÷ 2 = 3 ; मे 3 भागफल है। ]और भाज्य = जिसमे किसी संख्या से भाग किया जाता है उसे भाज्य कहते हैं [ जैसे - 6 ÷ 2 = 3 ; मे 6 भाज्य है। ]
अब देखते हैं 1 में 0 की भाग
चूँकि 1 ÷ 0 = ? , इसलिए 1 ÷ 0 = 1/0 रख सकते हैं ।
अत: भाग के नियमानुशार :
भाजक × भागफल + शेषफल = भाज्य
भाजक = 0
भागफल = 1 / 0
भाज्य = 1 तथा
शेषफल = 0
0 × 1 / 0 + 0 = 1
या 0 / 0 = 1
अत: स्पष्ट है कि 0 ÷ 0 = 1 , या 0 / 0 = 1 होता है ।
अब देखते हैं दुसरा उदाहरण ः हम log या लघुगणक की सहायता से इसको सिद्ध करने जा रहें हैं तो देखते हैं -
अगर आप log का सवाल हल करना जानते हैं तो आपको यह अच्छे से समझ आ जायेगा ।हम सब जानते हैं कि log 1 का मान 0 होता है । अब हम log( 0 ÷ 0 ) का मान देखते हैं
➠ log( 0 ÷ 0 ) = log( 1 ) = 0
नोट : यह जो जानकारी आपने पढी़ है यह हमारे द्वारा दिया गया तर्क है क्या यह सही है या नहीं । इसके बारे में निचे कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर लिख भेजें। धन्यवाद !
ऐसे एक से एक बढके अनेक उदाहरण हैं इसको सिद्ध करने के लिए । कोई भी चीज न तो पूर्णतः असंभव है और ना ही पूर्णतः संभव है । तभीतो हर क्षेत्र मे संभावना बनायी जा सकती है बस उसे पाने या करने की लालसा होनी चाहिए ।
आप हमारी इस साइट को सब्सक्राइब करके ऐसी जानकारियाँ पा सकतें हैं जो पहले शायद आपको नहीं मिली हो।
आपको ये जानकारी कैसी लगी इसके बारे मे हमसे कोई सवाल - जवाब या टिप्पणी(comments) जरूर दें । आप मुझसे facebook pe * possibilityplus.in * या Email - id - dkc4455@gmail.com पर email कर सकते हैं , धन्यवाद !
3 टिप्पणियाँ
लेकिन 0 न तो धनात्मक है आइए न ही रिणात्मक है तो कैसे?😢😢
जवाब देंहटाएंअसल में जीरो धनात्मक होता है ना कि ऋणात्मक। दरअसल जीरो का मान इतना छोटा होता है कि इसे लगभग कुछ भी नहीं मान लिया जाता है। इसके लिए निचे दिए गए पोस्ट को पढ़ सकते हैं।
हटाएंhttps://www.possibilityplus.in/2020/12/Zero-s-full%20-%20information%20.html?m=1
https://www.possibilityplus.in/2020/12/Zero-s-full%20-%20information%20.html?m=1
हटाएं